योगेश

Thursday, July 15, 2010

व्यापारिक मंदी का कद……

डूबते हुए आदमी ने
पुल पर चलते हुए आदमी को
आवाज लगाई "बचाओ बचाओ"
पुल पर चलते आदमी ने नीचे देखा
देखकर सोचो और रस्सी फेंक कर कहा आओ…।

नदी मे डूबता हुआ आदमी
रस्सी नही पकड पा रहा था
रह रह कर चिल्ला रहा था
मै मरना नही चाहता
जिंदगी बडी महंगी है
कल ही तो मेरी एक M N C में नोकरी लगी है

इतना सुनते ही
पुल पर चलते आदमी ने अपनी रस्सी खींच ली
और भागते भागते वो M N C गया
उसने वहां के एच आर को बताया
अभी एक आदमी डूबकर मर गया

और इस तरह आपकी कम्पनी में
एक जगह खाली हो गई

मै बेरोजगार हूँ मुझे ले लो यहाँ
एच आर बोली दोस्त तुमने आने मे देर कर दी
कु्छ देर पहले हमने उस आदमी को रख लिया

जो उसे धक्का दे कर तुमसे पहले
यहाँ पहुँच गया।

6 comments:

  1. क्या विडंबना है..

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  2. धन्यवाद समीर जी आपकी यह टिप्पणी मेरी पहली टिप्पणी है।

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  3. भाग्यशाली हो श्री समीरलालजी की टिप्पणी सबसे पहले मिल गई। अब तुम्हारे ब्लॉग्स को सुपर होने से कोई नहीं रोक सकता।
    जय बाबा समीरानन्द जी की

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  4. वर्ड वेरीफिकेशन हटाओ
    यह बेकार है, इसकी कोई आवश्यकता नहीं है।

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  5. पहली ही रचना दमदार है।
    बहुत अच्छी पोस्ट, पढाने के लिये आभार

    प्रणाम स्वीकार करें

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  6. सत सत प्रणाम महोदय जी, एवं धन्यवाद

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